पांच साल पहले 251 रूपये में स्मार्टफोन देने का झांसा देने वाले मोहित गोयल ने अब काजू-किशमिश का करोड़ों का घोटाला किया है. पुलिस ने मोहित को गिरफ्तार कर लिया है. इस बार मोहित पर मेवे और मसालों के नाम पर हजारों लोगों से अरबों रूपये ठगने का आरोप है.
पुलिस ने उसके पास से दो लग्जरी कारें और अन्य सामान बरामद किया है. अपर पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था लव कुमार के मुताबिक मेवे और मसालों की थोक बिक्री करने वाले रोहित मोहन ने 24 दिसंबर को थाना सेक्टर-58 में शिकायत दर्ज कराई थी कि सेक्टर 62 में कुछ लोगों ने दुबई ड्राई फ्रूड्स हब के नाम पर खोलकर 40 फीसदी रकम देकर लाखों रूपये कीमत के मेवे और मसाले खरीदे.
साथ ही उसे 40 प्रतिशत रकम नकद और 60 प्रतिशत चेक के माध्यम से दी. यह चेक आगे की तारीख के थे जो बाद में बाउंस हो गए. इस बारे में जब वह पूछताछ के लिए कंपनी में गया तो वहां पर कोई नहीं मिला और खुलासा हुआ कि इस तरह से उन्होंने और भी लोगों से ठगी की थी.
थाना सेक्टर-58 नोएडा।
दुबई ड्राई फ्रूट्स कंपनी के नाम से लोगों के साथ धोखाधड़ी करने वाले नेशनल गैंग के 02 शातिर अभियुक्त गिरफ्तार, कब्जे से 02 लक्जरी कार, 03 मोबाइल, 60 किलोग्राम खाद्य सामग्री के सैंपल, इलेक्ट्रोनिक सामान व अन्य दस्तावेज़ बरामद।@Uppolice @CP_Noida pic.twitter.com/7hzGG4PwCn
— POLICE COMMISSIONERATE GAUTAM BUDDH NAGAR (@noidapolice) January 11, 2021
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि उनके द्वारा देशभर में हजारों लोगों से अरबों रूपये की ठगी इसी प्रकार से की गयी. सोमवार को नोएडा के सेक्टर-58 थाना पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर मोहित गोयल तथा ओमप्रकाश जांगिड़ को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस का दावा है कि मोहित कानूनी दांव पेंच में माहिर है. वह ठगी के दौरान उससे आने वाले पैसे में से एक हिस्सा कानूनी कार्रवाई के लिए अलग रखता है और वह कानूनी लड़ाई मजबूती से लड़ता है. पुलिस ने बताया कि मोहित ने धोखाधड़ी कर जो पैसा कमाया है, उसका एक बड़ा हिस्सा उसने अपनी पत्नी धारणा के नाम से बनी ऐप में लगा रखा है. इस कम्पनी का मालिक वह स्वयं और उसकी पत्नी है.
एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि मोहित ने पूरे देश में एक हजार से अधिक लोगों से अरबों रूपये की ठगी की है. उसके द्वारा ठगी के लिए जो भी कम्पनी खोली जाती है, उसका एमडी, प्रेसिडेंट और प्रोप्राइटर ऐसे अंजान व्यक्तियों को बनाया जाता है जिनका वास्तव में कम्पनी से कोई लेना देना नहीं होता. वह उन्हें प्रति माह सैलरी पर रखता है. उनका प्रयोग डमी के रूप में करता. सारे काम खुद पर्दे के पीछे रहकर करता.