उत्तर प्रदेश में कुछ समय बाद ही चुनाव होने वाले हैं इसको लेकर प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों में होड़ सी मची हुई है. नेताओं का भी आयाराम और गयाराम चालू हो गया है लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं की होड़ सी मची हुई है. शनिवार को पार्टी में 3 पुस्तकों डिसीजन, संग अदा के गाता चल, शीशा और पत्थर किताबों का विमोचन हुआ. इस दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सत्तारुढ़ बीजेपी पर कई हमले किए.
इस दौरान समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले लोगों में होड़ सी मची हुई है. पार्टी ज्वाइन करने वालों में कांग्रेस से उषा मौर्या, जौनपुर से बसपा के तेज प्रताप मौर्य ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. वहीं इसी क्रम में बरेली से सलोनी कुशवाहा, चंदौली से बसपा के सुधाकर मौर्य, मजदूर यूनियन गाजियाबाद से बाबू सिंह आर्य, आजमगढ़ से बसपा से वीरेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार पाल, डाक्टर अभिषेक राय, गोंडा से बीजेपी की सौम्या पांडेय, इलाहाबाद के कमल कुमार प्रजापति, शालिनी राकेश, रिटायर्ड आईपीएस आफिसर रामेश्वर दयाल ने अखिलेश यादव के समक्ष पार्टी की सदस्यता ग्रहण की.
इस मौके पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी विचारधारा को अपनाते हुए तमात साथी पार्टी के साथ जुड़ रहे हैं. लोहिया और अंबेडकर के विचारों पर समाजवादी पार्टी चल रही है हम लगातार सभी वर्गों के लोगों को पार्टी से जोड़ने का काम कर रहे हैं. बस नई सरकार की तैनाती की जरुरत है किसानों, नौजवानों और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों की मांग को सरकार ने अपमानित करने का काम किया है.
सरकार के 4 साल पूरे हो रहे हैं और बीजेपी ने उद्घाटन का उद्घाटन, शिलान्यास का शिलान्यास और एमओयू को एमओयू करने में ही निकाल दिया. अखिलेश यादव ने इस दौरान कहा कि मुख्यमंत्री की भाषा, जो वो सदन या मंचो के माध्यम से बोलते हैं क्या इस तरह के बयान कोई मुख्यमंत्री दे सकता है? समंदर में डूब जाना चाहिए. इनके डीएनए में विभाजन है. धर्म के आधार पर भी कई प्रकार के बेतुके बयान दिए है.
वे विकास पर कम बोलते हैं अगर विकास पर बोलते तो प्रदेश का ज्यादा भला होता. बकौल अखिलेश किसान बिल पर किसानों पर टिप्पणी की, माता-बहनों का अपमान किया इन्होंने कहा कि पुरुष रजाई में सो रहे हैं और महिलाएं धरने पर बैठी है इनकी इस प्रकार की भाषा का जवाब देने के लिए जनता केवल और केवल सही समय का इंतजार कर रही है.