समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रदेश के विभिन्न जिलों के दौरों को लेकर तंज कसते हुए कहा है कि बिगड़ते हालात पर निगहबानी करके उन्हें सुधारने के बजाए मैराथन दौरे किए जा रहे हैं. जिनका औचित्य क्या हो सकता है सिवाय सरकारी संसाधनों और समय के दुरुपयोग के.

अखिलेश यादव ने कहा कि राजधानी सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कोरोना संक्रमण, व्हाइट और ब्लैक फंगस का प्रकोप थम नहीं रहा है, आवश्यक दवाओं, इंजेक्शन और वैक्सीन का टोटा चल रहा है. मुख्यमंत्री जी की टीम-9 और टीम-11 का अतापता नहीं है.

उन्होंने कहा कि वे व्यवस्था में सुधार के लिए नहीं राजनीतिक रणनीति साधने के लिए दौरे कर रहे हैं. वही रटी-रटाई बातें यहां-वहां दुहराने के अलावा सार्थक तो कुछ दिखता नहीं. भाजपा सरकार के लिए अब समय ही कितना बचा है.

सपा मुखिया ने कहा कि मुख्यमंत्री जी यह बात समझ लें कि जब उनकी सरकार ने कोई काम ही नही किया है तो उनके दौरों से पीड़ितों को कौन सुविधा मिल जाएगी. हां, उनके दौरो से संक्रमितों की सेवा में लगे चिकित्सकों और दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों को उनकी हाजिरी में लग जाने से परेशान जरूर होना पड़ता है.

अखिलेश ने कहा कि जनता सब समझ चुकी है। भाजपा की चालों से अब लोग बहकने-भटकने वाले नहीं हैं. अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों में उसे तनिक भी राजनीतिक स्वार्थ साधने वाला नहीं है. 2022 में समाजवादी सरकार बनने पर ही स्वास्थ्य सेवाएं पुनः बहाल होगी.

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