समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तत्कालीन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि अपने बड़े-बड़े वादों की मिट्टी पलीत होते देखकर लगता है उन्होंने अब अपनी आंखें मूंद ली हैं और कानून व्यवस्था को भगवान भरोसे छोड़ दिया है.
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के रामराज में खुद पुलिस पर और जिलाधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप उनके अधीनस्थ खुले आम लगाने लगे हैं. एक पूर्व डीजीपी द्वारा पैसे लेकर मलाई वाले थाने बांटने का खुलासा हुआ है.
मुगलसराय कोतवाली पुलिस पर हर महीने 35 लाख रूपए की वसूली का आरोप है जिसकी सूची खुद एक आईपीएस ने डीजीपी को दी है. प्रतापगढ़ में एडिशनल एसडीएम-2 ने तो डीएम, एडीएम पर भ्रष्टाचार के सीधे आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी के आवास पर धरना भी दे दिया.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पुलिस-माफिया और नेता का एक ऐसा संगठित गिरोह बन गया है जिससे अवैध गतिविधियों को संरक्षण मिल जाता है और इसका विरोध करने वाले को ही मुसीबत झेलनी पड़ जाती है.
अपराधी बेखौफ अवैध खनन कराते है, पेड़ों की कटाई कराते है, सचिवालय में बैठकर ठगी का धंधा चलाते हैं यह सब देखकर भी अनदेखी की जा रही है. नतीजा यह है कि अपराधों पर प्रदेश सरकार का नियंत्रण नहीं है.
अखिलेश यादव ने कहा कि साढ़े तीन साल भाजपा सरकार ने बिना कुछ किए सिर्फ जुमलेबाजी में निकाल दिए हैं. बड़े बड़े सपने दिखाकर लोगों को खूब बहकाया किन्तु अब सब भाजपा की सच्चाई, कथनी करनी के बीच उसके अंतर को समझ गए हैं. कहते हैं काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती है.
उन्होंने कहा कि अच्छा होगा मुख्यमंत्री जी लोकभवन की गद्दी छोड़कर अपनी पुरानी गद्दी जाकर सम्हाल लें. इसी में विकास से दूर हो रहे प्रदेश और अपराधों की दहशत में जी रही जनता की भलाई है.