समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की नजरें साल 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर लग गई हैं. पार्टी को एक बार फिर से सत्ता में पहुंचाने के लिए अखिलेश यादव हर वर्ग को साधने की कोशिश कर रहे हैं. खासकर उनकी निगाह पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक मतदाताओं पर है.

उन्हें बखूबी मालूम है कि अगर इस समीकरण को साध लिया गया तो उन्हें सत्ता में आने से कोई रोक नहीं सकता है. इसी रणनीति के तहत अब वो दलितों को रिझाने के लिए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का परिनिर्वाण दिवस मनाने जा रही है.

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि पार्टी के सभी जिला मुख्यालयों पर आगामी 6 दिसंबर के दिन भारत के संविधान निर्माता एवं दलितों वंचितों के मसीहा डॉक्टर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का परिनिर्वाण दिवस मनाया जाएगा. इस अवसर पर भारत के संविधान निर्माण में बाबा साहेब अंबेडकर की भूमिका एवं उनके आदर्शो पर चर्चा की जाएगी.

बता दें कि हाल में हुए उपचुनाव में तीन सीट जीतने के बाद सपा के हौसले बुलंद हैं. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी के कई बड़े नेता अपने हजारों समर्थकों के साथ सपा में शामिल हो चुके हैं. बसपा के वोटरों को अपने पाले में करने के लिए अब सपा की ओर से जोर आजमाइश शुरू हो गई है.

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