देश में इस समय जहां लव जिहाद को लेकर बहस चल रही है वहीं दूसरी ओर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि हम हिंदू-मुस्लिम के नजरिए से नहीं देखते, हर बालिग व्यक्ति को अपना जीवन साथी चुनने का पूरा अधिकार है.

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के निवासी सलामत अंसारी और प्रियंका खरवार मामले की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि हमारा कानून एक बालिग स्त्री या पुरूष को अपना जीवन साथी चुनने का अधिकार देता है, चाहे वो समान लिंग के हों या वितरीत लिंग के, उनके शांतिपूर्ण जीवन में कोई व्यक्ति, परिवार दखल नहीं दे सकता है.

राज्य भी दो बालिगों के बीच संबंध को लेकर आपत्ति नहीं कर सकता. अदालत ने प्रियंका को अपने पति के साथ रहने की पूरी छूट दी और सभी मुकदमों को रद्द करने का आदेश दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि ये प्रियंका खरवार की मर्जी है कि वो अपने पिता या परिवार से मिलती है या नहीं.

अदालत ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 ने अपनी पसंद व इच्छा से व्यक्ति को शांति से रहने की आजादी देता है. इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता. बता दें कि प्रियंका खरवार ने अपनी मर्जी से सलामत अंसारी के साथ शादी की थी. इसके बाद उसने अपना नाम आलिया रख लिया था. इस मामले में प्रियंका के परिवार वालों ने मुकदमा दर्ज कराया था.

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