कुछ करने का अगर जज्बा हो तो कुछ भी मुश्किल नहीं लगता. यह साबित कर दिखाया है हरियाणा के अंबाला की एक बेटी ने. अधोई कस्बे की रहने वाली अमरजीत कौर जब महज 18 साल की थी तब उनके पिता बीमार पड़ गए. परिवार खेती पर आश्रित था. ऐसे में अमरजीत ने खेती की जिम्मेदारी संभाल ली.

अमरजीत ने मेहनत की और अपने भाई को पढ़ाया. भाई ने भी अपनी बहन की मेहनत को समझा और मन से पढ़ाई कर सरकारी नौकरी पाई. अब गांव के किसान अमरजीत से सलाह लेने भी आते हैं कि कब कौन सी फसल उगाई जाए.

अमरजीत कौर के पिता साल 2007 के दिसंबर महीने में बीमार पड़ गए थे. परिवार पर आए संकट पर अमरजीत ने बखूबी घर संभाला. वह सुबज 5 बजे उठकर खेत पर जाती हैं और पशुओं को चारा डालती हैं.

अमरजीत ने खेती की शुरुआत की तो वह खुद ही फसल बोती और उसके तैयार होने से लेकर कटाई तक का सारा काम करती. इसके बाद खुद ही फसल को मंडी तक लेकर जाती. इस सब के बीच अमरजीत ने अपनी पढ़ाई भी जारी रखी. उन्होंने पंजाबी में मास्टर डिग्री हासिल की है.

वह घर का सारा काम करती हैं. ट्रैक्टर भी चलाती हैं. अमरजीत ने ऑर्गेनिक खेती की भी शुरुआत की है. अमरजीत के काम को देखते हुए अमेरिका का एक डेलिगेशन उनसे मिलने भी आया था.

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