लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान अपना दल सांसद अनुप्रिया पटेल ने मांग की कि ओबीसी क्रीमी लेयर का दायरा आठ से बढ़ा कर पंद्रह लाख किया जाए. साथ ही उन्होंने सार्वजानिक उपक्रम और सरकारी नौकरी में दर्जे की समानता न होने सम्बन्धी विवाद को टालने के लिए गजटेड अधिकारी के परिवारों को भी आरक्षण के दायरे में शामिल करने के लिए कहा.

अनुप्रिया पटेल ने कहा कि भर्ती में विसंगतियों के कारण ओबीसी का बैकलॉग पूरा नहीं हो पा रहा है. हालत यह है कि आरक्षण व्यवस्था लागू होने के तीन दशक बाद भी सरकारी नौकरियों में ओबीसी कोटे का बैकलॉग पूरा नहीं हुआ है. यूनिवर्सिटी और सचिव स्तर के अधिकारियों में इस वर्ग का प्रतिनिधित्व लगभग शून्य है.

उन्होंने कहा कि सार्वजानिक उपक्रम विशेषतौर पर बैंक में काम करने वालों को सरकारी गजटेड अधिकारियों से अधिक वेतन और सुविधाएं मिलती हैं. लेकिन नियम यह है कि गजटेड अधिकारियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. सवाल है कि जब ओबीसी का बैकलॉग ही पूरा नहीं हुआ है तब इस तरह की शर्तें कहां तक उचित है.

अनुप्रिया पटेल ने न्यायिक सेवा भर्ती आयोग की भी मांग की. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो अदालतों में जजों की कमी ही पूरी नहीं होगी, बल्कि अदालतों में सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व मिलेगा. उन्होंने ओबीसी के लिए अलग से मंत्रालय गठित करने की भी मांग की.

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