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यूपी उपचुनाव के नतीजों से पहले ही कांग्रेस ने एक सीट को गंवा दिया है, उपचुनाव के नतीजे तो 10 नवंबर को आने हैं लेकिन इससे पहले ही कांग्रेस ने एक सीट को गंवा दिया है, वैसे देखा जाए तो उपचुनाव में कांग्रेस के पास हारने के लिए कुछ नहीं था लेकिन इस चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी को इसलिए मैदान छोड़ना पड़ा क्योंकि उसका पर्चा खारिज हो गया है.

फिरोजाबाद जिले की टुंडला सीट से चुनाव लड़ रही कांग्रेस कैंडिडेट का नामांकन खारिज हो गया. कांग्रेस उम्मीदवार स्नेहलता का पर्चा इस कारण खारिज हो गया क्योंकि उनका शपथपत्र अधूरा था. गौरतलब है कि स्नेहलता ने 14 अक्टूबर को नामांकन भरा था उन्होंने इस दौरान शपथ पत्र में वो सभी जानकारी नहीं थी कि जो चुनाव आयोग की ओर से मांगी जाती है नियम ये है कि शपथ का कोई कालम खाली नहीं रहना चाहिए.

स्नेहलता ने अपने आश्रितों के कालम खाली छोड़ दिये थे इसके अलावा और भी कई जगहों पर जानकारी नहीं दी गई थी. पर्चा खारिज होने के कारण स्नेहलता ने फिरोजाबाद जिला प्रशासन पर बेईमानी के आरोप लगाए हैं.

एक न्यूज चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि 14 अक्टूबर को दाखिल किए गए नामांकन पत्र में कुछ खामियां थी लेकिन 16 अक्टूबर को उन्हें दुरुस्त कर दिया था. कहा कि वे टुंडला से चुनाव जीतने वाली थी क्योंकि वही एकमात्र ऐसी कैंडिडेट हैं जो वहीं की हैं बाकी लोग बाहरी हैं.

ऐसे में रिटर्निंग अफसर की ओर से जानबूझकर पर्चा खारिज कर दिया गया है. आरोप लगाते हुए कहा कि उनके शपथपत्र के पन्नों से छेड़छाड़ की गई है. दूसरी ओर रिटर्निंग अफसर एसडीएम राजेश वर्मा ने कहा कि स्नेहलता को तीन बार बुलाकर .ये बताया गया कि उनका पर्चा अधूरा है लेकिन हर उन्होंने कुछ कालम छोड़ दिए. संपूर्ण घटनाक्रम की सिलसिलेवार वीडियोग्राफी कराई गई है. ऐसे में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी की संभावना नहीं है.

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