भारत में बुलेट वाले देवता को समर्पित एक मंदिर की कहानी पर आधारित एक फिल्म अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में सुर्खियाँ बटोर रही है. फिल्म में रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिल की गूंजती आवाज पर एक अजीबोगरीब कहानी रची गयी है. इस मोटरसाइकिल को लेकर कई किंवदंतियां भी रही हैं.

नशे में धुत मोटरसाइकिल सवार हाइवे पर एक ट्रक से टकरा गया. अगली सुबह उस व्यक्ति की मोटरसाइकिल पुलिस हिरासत से गायब हो गयी और रहस्यमयी तरीके से उस स्थान पर पहुंच गयी, जहां दुर्घटना में मोटरसाइकिल सवार की जान गयी थी.

पुलिस बाइक को वापस थाने ले आती है, लेकिन हर बार मोटरसाइकिल सड़क के किनारे आ जाती है. फिर अफवाहें उड़ना शुरू हो गयी. जान गंवाने वाले शख्स को साधु और महात्मा कहा जाने लगा. उसकी मोटरसाइकिल को राजस्थान के पाली शहर में एक देवता का दर्जा दे दिया गया.

हिंदी में बनी फिल्म अजीबोगरीब रीति-रिवाजों और धर्म के व्यावसायीकरण पर एक व्यंग करती है. साफतौर पर कहें तो ये फिल्म ड्रामा और रहस्य का मिश्रण है, जिसमें आम लोग अपने अजीब विचारों और अंधविश्वासों से चिपके रहना चाहते हैं.

राजस्थान की राजधानी जयपुर में जन्में डुग डुग के निर्देशक ऋत्विक पारीक कहते हैं कि अगर आप किसी चीज में पूरे मन से विश्वास करते हैं, तो वह आपको सही लगने लगती है.

यह मंदिर जोधपुर से करीब 75 किमी दूर पाली में स्थित है. सड़क किनारे बने इस मंदिर के देवता एक पुरानी रॉयल एनफील्ड बुलेट मोटरसाइकिल है. मोटरसाइकिल स्थानीय निवासी ओम सिंह राठौर की थी, जो तीन दशक से अधिक समय पहले जोधपुर से जयपुर को जोड़ने वाले हाइवे पर एक दुर्घटना में गुजर गए थे. मंदिर को बुलेट बाबा के नाम से जाना जाता है,

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