आज का दौर AI का है. यानि आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस. एक ऐसी मशीन जो अपना काम खुद से कर सके. हर क्षेत्र में अब चीजें बदल रही हैं. कृषि क्षेत्र में भी काफी बदलाव आया है. पारम्परिक तरीकों के बजाय अब तकनीक की मदद से किसान बेहतर तरीके से खेती कर पाने में सक्षम हैं. खेत में छिड़काव के लिए ड्रोन का इस्तेमाल बीते कुछ ही समय में शुरू हुआ है. अब कृषि क्षेत्र में इलेक्ट्रिक फुल ऑटोमेटिक ट्रैक्टर की एंट्री हुई है.

कैलिफोर्निया की एक कंपनी ने फुल इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर विकसित किया है. कम्पनी का दावा है कि यह दुनिया का पहला पूरी तरह से इलेक्ट्रिक और ऑटोमेटिक स्मार्ट ट्रैक्टर है.

इस ट्रैक्टर को ड्राइवर भी चला पाएगा और यह बगैर ड्राइवर के भी चल पाएगा. यह किसी भी कार्य को बिना किसी की मदद के कर पाने में सक्षम होगा. ड्राइवरलेस मोड़ ऑन होने पर सुरक्षा की लिहाज से 360 डिग्री कैमरे लगे हैं.

ड्रोन का इस्तेमाल 

कीटनाशक के छिडकाव के लिए ड्रोन का इस्तेमाल बीते कुछ समय से हो रहा है. भारत में प्रयोग के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. हाल ही में छत्तीसगढ़ के राजनांदागांव जिले के कृषि विज्ञान केंद्र ने ड्रोन का इस्तेमाल किया. केंद्र ने धान के फसल पर एग्री ड्रोन से रासायिनक खाद यूरिया का छिड़काव का तकनीकि प्रदर्शन किया.

इस तकनीक से किसान कम पानी के साथ-साथ कम लागत में अच्छी फसल का पैदावार करने में सफल होंगे. ड्रोन की मदद से एक एकड़ क्षेत्रत में 20 मिनट के समय में छिड़काव संभव हो पाएगा.

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