किसी महान शख्स ने कहा है कि शिक्षा उस शेरनी का दूध है जो पियेगा वो दहा़डेगा.ये कहावत एक पेपर बेचने वाली बेटी की ऊपर बिल्कुल फिट बैठती है. पिता पेपर बेचते थे लेकिन बिटिया अपने दम पर आईएएस ऑफिसर बनी.मेहनत के दम पर शिवजीत भारती जो कि हरियाणा के पंचकुला की रहने वाली हैं.

इनका जन्म बेहद साधारण वपरिवार में हुआ था लेकिन उसके बाद भी इन्होंने हार नहीं मानी और अपने जीवन में पढ़ाई के प्रति कभी भी गरीबी को बाधा नहीं बनने दिया. शिवजी भारती जिन्होंमे अपने जीवन में बहुत मेहनत की तब जाकर उनको सफलता मिली है.

शिवजी भारती ने अपने बचपन की पढ़ाई गांव के ही सरकारी स्कूल से की और आगे चलकर शिवाजी ने अपना फोकस यूपीएससी की ओर बढ़ा दिया. एक समय उनके सामने संघर्षों की लाइन लगी हुई थी लेकिन उन्होंने संघर्ष को चुनौती माना और आगे बढ़ गई तब जाकर उनको ये सफलता मिली है.

शिवजीत भारती ने साल 2015 में पंजाब यूनीवर्सिटी से स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की. वो बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया करती थी. उन्होंने अपने आपको सफल बनाने के लिए मैग्जीन, अखबार और यूट्यूब की मदद ली. जिस समय वो तैयारी में तल्लीन थी उनके रिश्तेदार ने उनकी शादी की बात की लेकिन उनके माता पिता ने बेटी की लगन को देखते हुए शादी ना करने का निर्णय लिया.

बेटी भी माता-पिता के संकल्प पर खरी उतरी. शिवजीत भारती जब यूपीएससी की तैयारी कर रही थी, इस दौरान उन्हें HSC में एग्जाम देने का अवसर प्राप्त हुआ इसे उन्होंने पहले ही प्रयास में क्रैक कर लिया. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की और इसमें भी सफलता हासिल कर माता-पिता का मान बढ़ाया.

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