ग्रामीण क्षेत्रों में किसान अलग-अलग फसलों की खेती कर मुनाफा कमा रहे हैं. एरोमा मिशन के तहत सरकार भी किसानों को बंपर मुनाफा देने वाली फसलों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. लेमनग्रास, खस जैसी तमाम फसलों की खेती के लिए सरकार की तरफ से किसानों को आर्थिक मदद भी प्रदान की जाती है. जिरेनियम भी कुछ इसी तरह की फसल है, जिसकी खेती कर किसान लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं.

जिरेनियम एक सुगंधित पौधा है. इसके पौधे से तेल निकालने का काम किया जाता है. इस तेल का इस्तेमाल औषधीय दवाएं, साबुन, इत्र और सौंदर्य प्रसाधन बनाने में किया जाता है. पहले इस फसल की खेती विदेशों में की जाती थी. अब इसे भारत में भी उगाया जाने लगा है. जिरेनियम के लिए कम पानी वाली जगह उपयुक्त होती है.

लेमनग्रास की तरह इस पौधे को भी कहीं भी उगाया जा सकता है. बलुई दोमट मिट्टी जिसका पीएच मान 5.5 से 7.5 तक हो. वह इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है. जिरेनियम की बुवाई से पहले खेत की अच्छी तरह जुताई कर लें. खेत में जलनिकासी की व्यवस्था करें. इसके पौधे को केन्द्रीय औषधीय एवं पौधा संस्थान से खरीद कर अपने खेतों में लगा सकते हैं. पौधे को ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती. अन्य पौधों की तरह इसकी सिंचाई की भी जरूरत नहीं है. ऐसे में इसकी खेती ज्यादा महंगी नहीं मानी जाती है.

कितना खर्च आता है?

जिरेनियम की फसल लगाने के लिए 1 लाख रूपये का खर्च आता है. इसका तेल काफी महंगा बिकता है. तेल की कीमत बाजार में 20 हजार रूपये प्रति लीटर तक है. इसके पौधे 4 से 5 साल तक उत्पादन देते हैं, जिससे अच्छा मुनाफा बनाया जा सकता है.

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