गुर्जर समुदाय के लोगों ने साल 2007 में हुए गुर्जर आरक्षण आंदोलन में शहीद हुए 72 आंदोलनकारियों को याद किया और नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. साल 2007 से लेकर आज तक गुर्जर समुदाय 23 मई को बलिदान दिवस के रूप में मनाता आ रहा है.

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के रांकौली गांव में भी गुर्जर आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी गई. कोरोना वायरस के चलते इस बार सांकेतिक तौर पर ही कार्यक्रम का अयोजन किया गया.

सपा नेता लखन गुर्जर रांकौली ने बताया कि आज भी हमारी आँखे नम है, 23 मई को गुर्जर समुदाय बलिदान दिवस के रुप में मनाता है इसी दिन 72 लोगों ने अपनी कौम को आरक्षण दिलाने के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए. उन्होंने कहा कि 72 लोगों के बलिदान को समाज हमेशा याद करता रहेगा.

लखन ने कहा कि युवा शक्ति ही समाज और देश का भविष्य है. धन्य हैं ऐसे वीर गुर्जरो की मां, जिन्होंने ऐसे वीर सपूत को जन्म दिया, जिन्होंने समाज के हक के लिए लड़ते-लड़ते अपने प्राण न्योछावर कर दिए. गौरतलब है कि गुर्जर समुदाय के लोगों ने 2007 मे आरक्षण की मांग को लेकर दिल्ली-मुंबई ट्रैक को जाम कर दिया था.

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