हाथरस में मृतक पीड़ित एके गांव में उत्तर प्रदेश पुलिस ने अधिकारियों और पुलिस फ़ोर्स की भारी फुट तैनात की हुई है. गांव की सीमा सील है. आने-जाने वालों पर पूरी तरह पाबंदी है. गांव जाने वाली सभी प्रमुख सड़कों को ब्लॉक कर दिया गया. खेतों से लेकर सड़कों पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती है.

शुक्रवार को बैरिकैडिंग के पास इंतजार कर रहे पत्रकारों के पास एक बच्चा दौड़कर पहुँचता है. जिसने बताया कि वह पीड़िता का कजिन है. उसने बताया कि पुलिस ने उसके परिवार को लॉक कर रखा है. मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं.

यही नहीं परिवार के साथ बदसलूकी करने का आरोप भी उसने लगाया. बताया कि पुलिस ने पूरे घर को अपने कब्जे में ले रखा है. हर चप्पे पर पहरेदारी है.

वहीं एक ग्रामीण ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि सड़कों के अलावा, पुलिस पीड़ित के घर के शौचालयों के बाहर भी डेरा डाले हुई है. डॉक्टर से मिलने के बहाने गांव से निकलने शख्स ने कहा कि घर की महिलाओं को बाहर खड़े पुलिसकर्मियों की वजह से शौचालय जाने में भी परेशानी आ रही है.

पुलिस का इन आरोपों पर कहना है कि धरा 144 लागू है, इसलिए चार या उससे अधिक लोगों का जमावड़ा गांव में नहीं हो सकता. एसआईटी जांच कर रही है, इसलिए प्रतिबन्ध लगाए गए हैं. मीडिया और नेताओं को परिवार से मिलने से रोका जा रहा है.

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