उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुई घटना और उसके बाद पुलिस प्रशासन के रवैये से मामला तूल पकड़ गया. हाथरस की घटना का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए आज पीड़ित परिवार और संबंधित अधिकारियों को तलब किया.
सोमवार दोपहर दो बजे पीड़िता के परिवार सहित प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, हाथरस के डीएम और एसपी अदालत पहुंच गए.
लगभग तीन घंटे तक अदालत में इस मामले की सुनवाई चली. सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने पक्ष रखा. अदालत ने दोनों ही पक्षों के बयान दर्ज किए हैं. अब इस मामले की अगली सुनवाई दो नवंबर को होगी.
बता दें कि पीड़िता के परिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आज सुबह लखनऊ लाया गया. उन्हें उत्तराखंड भवन में ठहराया गया. पीड़ित परिवार की सुरक्षा में 66 पुलिसकर्मी तैनात हैं. इसके अलावा उनके घर के आसपास सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए गए हैं.
हाथरस की घटना ने प्रदेश की राजनीति को भी प्रभावित किया है. घटना के बाद तमाम विपक्षी दलों के नेता पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचने लगे. इनमें से कई नेताओं के साथ पुलिस ने अभद्रता भी की.
प्रशासन का कहना था कि नेताओं के यहां आने से गांव का माहौल खराब हो सकता है. सरकार ने घटना की जांच सीबीआई को सौंप दी है. अब मामला सीबीआई के पास है.
The Court will give a decision. The next date of hearing is 2nd November, 2020: Aditional Advocate General VK Shahi, representing Uttar Pradesh government before Lucknow Bench of Allahabad High Court, in #Hathras case https://t.co/zh7SB1q16E pic.twitter.com/gRku23HlUa
— ANI UP (@ANINewsUP) October 12, 2020