उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 10 जून को हुई हिंसा के मास्टरमाइंड मोहम्मद जावेद उर्फ जावेद पंप का दो मंजिला बंगला 3 बुलडोजरों की सहायता से कुछ ही समय में जमींदोज कर दिया गया. जिला प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया.

अब इस बात की चर्चा आम सी हो गई है कि इस पथराव की वारदात के अहम किरदार माने जा रहे मोहम्मद जावेद का नाम आखिर जावेद पंप क्यों पड़ा? इसके पीछे की वजह है कि वो पहले टुल्लू पंप सुधारने का काम करता था इसलिए लोग उसे जावेद पंप कहने लगें.

जावेद पंप के बंगले की कीमत 5 करोड़ से अधिक की आंकी गई है. तलाशी के दौरान बंगले से 2 अवैध हथियार, कई कारतूस, 1 बड़ा बांका और एक आपत्तिजनक कागज मिला है जिसमें कोर्ट के बारे में अभद्र टिप्पणी की गई है. पुलिस का इस मामले में कहना है कि इस मामले में अलग से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

वहीं जावेद पंप की बेटी सुमैय्या ने आजतक से बातचीत के दौरान दावा किया कि घर प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने जमींदोज किया, वो पिता मोहम्मद जावेद के नाम नहीं था. दअसल उस घर को मां के पिता यानी नाना ने गिफ्ट किया था. सरकारी दस्तावेजों में वो मां के नाम है.

वहीं जावेद पंप की दूसरी बेटी आफरीन फातिमा दिल्ली की जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में पढाई कर रही हैं. आफरीन जेएनयू में स्टूडेंट यूनियन की काउंसलर है. आफरीन ने एंटी CAA प्रोटेस्ट में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. शाहीनबाग में आंदोलन के दौरान आफरीन फातिमा जेएनयू से लेकर इलाहाबाद तक सक्रिय रही थी. JNU में रविवार देर शाम जावेद की बेटी आफरीन के समर्थन में प्रर्दशन हुआ था.

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