इटली की सबसे बड़ी नदी पो सूखने के कगार पर पहुंच गयी है. पिछले साल से इस नदी ने सूखना शुरू किया और सूखती ही जा रही है. नदी का 75 फ़ीसदी पानी का हिस्सा सूख चुका है. गर्मियों में पानी इतना कम हो गया है कि मुश्किल होने लगी है. एनवायरमेंट एजेंसी का कहना है कि यह जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की वजह से हो रहा है.
एजेंसी ने बताया कि हो सकता है इस सूखे की वजह से पो नदी अपना रास्ता बदलना शुरू कर दे. पो नदी पर होने वाले क्रूज़ बैंड कर दिए गए हैं. कैप्टन गुलियानो लैंडिनी का कहना है कि हमारे पास अब नदी को लेकर कोई बुकिंग नहीं है. हमने सब कैंसिल कर दिया है. पानी होता तो क्रूज़ का मज़ा आता है. बिना पानी के क्रूज़ कहां चलाएँ.
बोरेटो ब्रिज के नीचे स्ट्रादिवारी शिप डॉक के चारों तरफ़ सिर्फ़ रेत ही रेत बची है. नदी लापता हो गयी है. 196 फ़ीट लंबा क्रूज़ जिसपर 400 लोग नदी पर ट्रैवल करते थे. वो अब खड़ा है. इस समय नदी का बहाव 92 हज़ार गैलन प्रति सेकेंड है, जो पिछले साल जून से भी कम है. पिछले साल जून में सबसे ज़्यादा गर्मी थी. 70 साल का सबसे ज़्यादा सूखा है.
अगर बारिश जल्दी नहीं होती है तो गर्मी में ये नदी बुरी तरह सूख जाएगी. इससे लोगों को आने-जाने में दिक़्क़त होगी. सड़कों से लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी. जो नदी कम समय में ही पूरा कर देती थी. पो नदी की लम्बाई 625 किलोमीटर है. यह उत्तर पश्चिम में स्थित तूरिन शाहर से लेकर वेनिस के पूर्वी तट तक जाती है.
इस नदी के चारों तरफ़ घनी आबादी में लोग रहते हैं. कई उद्योग हैं. इसके अलावा खेती भी नदी के किनारे वाले इलाक़ों में की जाती है. जिसे इटली की फ़ूड वैली कहते हैं. इस नदी से मछली का व्यापार भी होता था. अब वह काम हो चुका है. प्रसिद्ध झील गार्डा और कोमों में इस नदी से ही पानी आता था. साफ़ पानी के चलते लोग यहाँ छुट्टियाँ मनाने आते थे. लेकिन इस बार इस झील में भी पानी कम हो गया है. इसलिए लोगों का आना भी कम हो गया है.