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पुलवामा में शहीद हुए जौनपुर जे जिलाजीत यादव का शुक्रवार नगर के पचहटिया स्थित रामघाट पर अंतिम संस्कार की रश्में निभाई गई. उनका पार्थिव शरीर गांव में पहुंचते ही ‘भारत माता की जय के नारे और जब तक सूरज-चांद रहेगा, जिलाजीत का नाम रहेगा’ ये नारे लगाए जा रहे थे. हर कोई इस समय देशभक्त की भावना से ओत प्रोत नजर आ रहा था, सेना के जवानों ने जौनपुर के लाल को गार्ड आफ आनर दिया.

अंतिम दर्शन के लिए उमड़े भारी जनसैलाब ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान भारत माता की जय और जिलाजीत यादव अमर रहें के नारे लगते रहें. पैतृक आवास में शहीद का शव पहुंचते ही पत्नी पूनम, मां उर्मिला देवी समेत परिवार के अन्य लोग ताबूत से लिपट गए.

मासूम बेटे जीवांश ने भी तिरंगे में लिपटे पिता को श्रद्धांजलि दी इस दौरान वहां पर मौजूद लोगों को ये द्रश्य देकर आखे लबलबा उठी.

दोपहर करीब 1 बजे जिलाजीत यादव की पार्थिव शरीर प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ रामघाट पर लाया है, कोरोना काल में भी लोगों की भारी भीड़ को देखकर मानो यही प्रतीत हो रहा था कि माटी के लाल को मानो अंतिम सलामी देने के लिए पूरा जिला ही उमड़ पड़ा हो. इस दौरान लोग एक छत पर एक झलक पाने के लिए चढ़े हुए थे.

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