कृषि कानूनों के खिलाफ बीते दो महीने से अधिक समय से चल रहा शांतिपूर्ण आंदोलन आज बेपटरी हो गया. आज दिल्ली की सड़कों पर ऐसा नजारा देखने को मिला जिसकी कल्पना भी नहीं की जा रही थी. हालांकि इसका अंदेशा खुफिया एजेंसियों ने पहले ही जाहिर कर दिया था.
दिल्ली की सड़कों पर आज हुए उपद्रव की किसान संगठनों ने निंदा की है और उपद्रवियों से खुद को अलग कर लिया. संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से आए बयान में कहा गया कि आज के किसान गणतंत्र दिवस परेड में अभूतपूर्व भागीदारी के लिए हम सभी किसानों को धन्यवाद देते हैं.
किसान मोर्चे ने कहा कि हम उन अवांछनीय और अस्वीकार्य घटनाओं की निंदा करते हैं और खेद भी प्रकट करते हैं. आज जो कुछ घटित हुआ है हम ऐसे लोगों से खुद को अलग करते हैं. हमारे सभी प्रयासों के बावजूद कुछ लोगों ने रूट का उल्लंघन किया और निंदनीय कृत्यों में लिप्त रहे.
ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि आज दिल्ली में जिन्होंने तोड़फोड़ की, वे किसान नहीं किसान के दुश्मन हैं, ये साजिश का अंग है. आज की गुंडागर्दी से, साजिश से हमने सबक लिया है. भविष्य में आंदोलन में ऐसे लोगों को घुसने का मौका न मिले, हम शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन चलाएंगे.