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भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत इस समय सोशल मीडिया से लेकरसभी तरह की मीडिया पर छाए हुए हैं. कोई उनके समर्थन में बोल रहा है तो कोई उनके विरोध में बोल रहा है. पिछले 24 घंटे में घटनाक्रम कुछ इस तरह बदला कि किसान आंदोलन का केंद्र अब यूपी का गाजीपुर बार्डर हो गया है.

इसी के साथ राकेश टिकैत भी अपने अलग ही रुप में दिखने लगे हैं उनकी एक आवाज पर किसान अपने घरों से वापस चले आ रहे हैं. देश के जाने माने नेता किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे राकेश टिकैत कई दशकों से किसानों के हको की लड़ाई के लिए सक्रिय हैं. वो लगातार विभिन्न राज्यों के मंचों पर किसान के हक की आवाज उठा चुके है वो इस दौरान 44 बार जेल भी जा चुके हैं.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश में भूमि अधिकरण कानून के खिलाफ हुए आंदोलन के चलते राकेश टिकैत को 39 दिनों तक जेल में रहना पड़ा था. कुछ साल पहले दिल्ली में संसद भवन के बाहर किसानों के गन्ना मूल्य बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ प्रर्दशन किया तो उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया था.

रालोद के अध्यक्ष अजीत सिंह ने साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अमरोहा सीट से राकेश टिकैत को लोकसभा प्रत्याशी बनाया था. ये अलग बात है कि उन्हें इसमें हार मिली. राकेश टिकैत की शादी साल 1985 में बागपत जिले के दादरी गांव की सुनीता से हुई थी. इनके दो पुत्र चरण सिंह और दो पूत्री सीमा और ज्योति है इनके सभी बच्चों की शादी हो चुकी है.

राकेश टिकैत साल 1993 में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर नौकरी कर रहे थे इस दौरान दिल्ली के लाल किले पर उनके पिता महेंद्र सिंह टिकैत किसानों के हक में आंदोलन कर रहे थे. इस दौरान सरकार की ओर से राकेश टिकैत पर सरकार ने आंदोलन खत्म करने का दबाव बनाया. इसके साथ ही कहा कि वो अपने पिता और भाईयों को आंदोलन खत्म करने को कहें जिसके बाद टिकैत पुलिस की नौकरी छोड़ किसानों के साथ खड़े हो गए थे.

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