यूँ तो राजस्थान का नाम सुनकर सूखी रेत ही दिमाग़ में आती है. लेकिन यहां एक कश्मीर भी है. उदयपुर से 130 किमी दूर संभाग के राजसमंद ज़िले गोरम घाट को मेवाड़ का कश्मीर भी कहा जाता है. इसके बाद मारवाड़ के पाली ज़िले की सीमा लग जाती है. इसलिए जोधपुर की ओर से भी पर्यटक आते हैं और मेवाड़ से भी.

देश की जन्नत कश्मीर को कहा जाता है, जिसकी ख़ूबसूरती की कोई तुलना नहीं. लेकिन अगर आप कश्मीर नहीं जा सकते तो बारिश के समय में गोरम घाट ज़रूर आएँ. यह गोरम घाट हिल स्टेशन जो मेवाड़ यानी उदयपुर का कश्मीर कहा जाता है. ऊँची पहाड़ियों, बादलों का डेरा और ऊँचे झरनों में आप खो जाएँगे.

यह गोरम घाट उदयपुर से 130 किमी दूर संभाग के राजसमंद ज़िले में आता है. जहां के बाद मारवाड़ के पाली ज़िले की सीमा लग जाती है. इसलिए यहां जोधपुर की तरफ़ से भी पर्यटक आते हैं और मेवाड़ से भी.

ट्रेन के ज़रिए ही गोरम घाट पहुंचा जा सकता है. इसके अलावा कोई साधन नहीं है. यहां जाने का समय अगस्त से अक्टूबर तक सबसे बेस्ट माना जाता है.

यहां जाने के लिए अब भी वर्षों पुरानी ट्रेन की मीटर गेज लाइन बिछी हुई है. बड़ी बात यह है कि आप ट्रेन के किसी भी डिब्बे में बैठे हो ट्रेन के दोनों छोर आसानी से देख सकते हैं, क्योंकि घुमावदार रेलवे ट्रेक से ट्रेन का यू आकर बन जाता है. प्राकृतिक खूबसूरती भी ट्रेन से काफी अच्छी दिखाई देती है. सुबह एक ट्रेन जाती है और शाम को फिर से दूसरी ट्रेन में बैठकर आना पड़ता है क्योंकि यहां रात रुकने के कोई साधन नहीं है.

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