गाजीपुर बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन पर बैठे किसान नेता राकेश टिकैत ने इसे अनाज को तिजोरी में बंद न होने देने की लड़ाई बताया है. कहा कि ये लड़ाई अनाज को तिजोरी में बंद नहीं होने देने की है और ये आम आदमी की लड़ाई है.

उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट चाहता है कि अनाज को तिजोरी में बंद किया जाए लेकिन इसका विरोध होना चाहिए. कहा कि जब हमारी लड़ाई ख़त्म हो जाएगी तो हम पूरे सम्मान के साथ यहां से चले जाएंगे. किसानों पर ईट नहीं फूल बरसाए जाएंगे, जब वो हो जाएगा हम यहां से चले जाएंगे.

उन्होंने कहा कि हमारे मुद्दे तीनों कृषि कानूनों पर, एमएसपी और दूसरे मुद्दों पर सरकार हमने बात करें. प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि किसानों को प्रदर्शन स्थल के लिए सुविधाएं चालू करें.

उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई सरकार के साथ है. यहां के स्थानीय प्रशासन के साथ नहीं. स्थानीय प्रशासन ने हमारा बहुत साथ दिया. हमें सरकार पर भरोसा नहीं है. लेकिन किसानों को गद्दार कहा जा रहा है. यहां का पानी काटा गया है, यहां कि बिजली काटी गयी है. इसके बाद हमने कहा है कि गांव से पानी आएगा और तभी हम पानी पिएंगे.

इस बीच उत्तर प्रदेश के एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि पुलिस प्रशासन लगातार किसानों के संपर्क में है. कहा कि गाजीपुर बॉर्डर पर कल और आज सुरक्षा व्यवस्था इसलिए बढ़ाई गयी ताकि ऐसे लोग न घुस जाएं जिससे वहां हिंसा फैले.

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