हमारे जो रोज के काम हैं उनमें दांतों को साफ़ करना भी शामिल है. रोज सुबह उठकर नींदभरी आंखों से हम टूथपेस्ट दबाते हैं और ब्रश करने लग जाते हैं. लेकिन कभी आपने टूथपेस्ट को उलट-पलट कर देखा है. खासकर जहां एक्सपायरी डेट और उसकी कीमत दी होती है. अगर आप उसे ध्यान से देखें तो वहां रंग की पट्टी नजर आएगी.
चार रंग की पट्टियां होती हैं
किसी भी टूथपेस्ट पर चार रंग की पट्टियों का इस्तेमाल होता है. लाल, हरा, नीला और काला. ये रंग बताते हैं कि टूथपेस्ट नेचुरल है या केमिकल युक्त.
लाल रंग- लाल रंग की पट्टी वाले टूथपेस्ट में केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही इसमें कुछ नेचुरल पदार्थ भी है. ये नेचुरल और केमिकल युक्त टूथपेस्ट का प्रतीक है.
काला रंग- इस प्रकार के टूथपेस्ट में सिर्फ कैमिकल का इस्तेमाल होता है.
नीला रंग- इस रंग की पट्टी का इस्तेमाल मेडिसिन युक्त टूथपेस्ट के लिए किया जाता है. इसमें नेचुरल पदार्थ भी मिलाए जाते हैं.
हरा रंग- इस रंग की पट्टी वाला टूथपेस्ट पूरी तरह से नेचुरल होता है. इसमें कोई केमिकल नहीं मिलाया जाता है.
टूथपेस्ट में अलग-अलग केमिकल्स का इस्तेमाल होता है. खासकर बेकिंग सोडा, कैल्शियम, डाई कैल्शियम फ़ॉरेस्ट, ट्राईक्लोसन, सोर्बिटोल और टेशियम नाइट्रेट का. इन केमिकल्स का सेहत पर काफी ख़राब प्रभाव पड़ सकता है. मुंह में सुजान और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं.