उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव भले ही साल 2022 में होने हों मगर यहां पर नेता अभी से ही दल बदल में जुट गए हैं. यूपी में गैर बीजेपी नेताओं की पहली पसंद समाजवादी पार्टी बनी हुई है. कांग्रेस, बसपा आदि दलों के तमाम नेता लगातार समाजवादी पार्टी में शामिल हो रहे हैं.
राजनीतिक पंडित बता रहे हैं कि ये सिलसिला आगे और भी तेज हो सकता है. उनका कहना है कि आगामी विधानसभा चुनाव भाजपा और सपा के बीच होने के आसार नजर आ रहे हैं. ऐसे में बसपा, कांग्रेस सहित तमाम दलों के नेताओ के लिए समाजवादी पार्टी ही सुरक्षित ठिकाना लग रही है.
अखिलेश यादव बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ ही कांग्रेस को भी झटका देने में लगे हुए हैं. बीते लगभग एक महीने में एक दर्जन से अधिक बड़े कांग्रेसी नेता समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम शेरवानी, पूर्व सांसद अन्नू टंडन, बाल कुमार पटेल, कैसर जहां, विजेंद्र सिंह, चौधरी लियाकत अली, राम सिंह पटेल, जासमीन अंसारी, अंकित परिहार और रमेश राही जैसे कांग्रेसी नेताओं ने अपने तमाम समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी का दामन थामा है.
इन तमाम नेताओं ने अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा की सदस्यता ग्रहण की है. सपा नेताओं का कहना है कि यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा और सपा के बीच सीधी टक्कर है. कांग्रेस और बसपा कहीं भी रेस में नहीं हैं.
जनता अखिलेश यादव का काम देख चुकी है. सपा ही भाजपा का मजबूत विकल्प है. यही वजह है कि कांग्रेस के अलावा बसपा नेता भी साइकिल की सवारी करने में पीछे नहीं रहना चाहते.