उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व को लेकर कयास लग रहे थे. इन कयासों का दौर भाजपा के संगठन महासचिव बीएल संतोष और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह के दौरे से शुरू हुआ. 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार भाजपा के सीनियर नेताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक की.

कोरोना महामारी के दौरान योगी सरकार की बिगड़ी छवि, पंचायत चुनाव में मिली हार और जमीनी कार्यकर्ताओं में नाराजगी के बीच भाजपा नेताओं का दौरा काफी अहम माना जा रहा था.

कयास लग रहे थे कि आने वाले चुनाव में नेतृत्व परिवर्तन और बड़ा फेरबदल हो सकता है, लेकिन दिल्ली लीडरशिप ने इन कयासों पर विराम लगाया है.

बीएल संतोष ने ट्वीट करते हुए योगी आदित्यनाथ की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि बीते पांच हफ़्तों में योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामलों में कमी लाइ. जबकि यह 20 करोड़ से अधिक आबादी वाला राज्य है. योगी आदित्यनाथ ने कोरोना महामारी का प्रभावी ढंग से प्रबंधन किया. बीएल संतोष का इशारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की तरफ था.

उत्तर प्रदेश के भाजपा प्रभारी राधा मोहन सिंह ने कहा कि मीटिंग में कोरोना महामारी के दौरान पार्टी नेताओं द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों की समीक्षा की गयी. नेतृत्व परिवर्तन के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सिर्फ किसी की कल्पना हो सकती है और वास्तव में ऐसा कुछ भी नहीं है.

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