उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव में कुछ नियम बदले हैं. सहकारी समितियों के बकायेदार बकाया चुकता करने के बाद ही चुनाव लड़ पाएंगे. अगर वह बकाया नहीं चुकाते हैं तो चुनाव में उतरने से वंचित रहेंगे. यह जानकारी सहकारिता विभाग के सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता प्रमोद वीर आर्य ने दी है.
प्रमोद वीर आर्य के मुताबिक समितियों में राजनीतिक व्यक्तियों के लंबे बकाये चल रहे हैं, जिसके चलते समितियों की पूँजी डूबी हुई है. पहली बार चुनाव लड़ने वालों को क़िस्त अदा कर नोड्यूल लेने के बाद ही चुनाव लड़ने दिया जाएगा. यदि ऐसा नहीं होता है तो उनका परचा निरस्त कर दिया जाएगा.
उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों के चुनाव को लेकर आरक्षण के नोटिफिकेशन का इंतजार अब समाप्त होने वाला है. पंचायतों के आरक्षण को लेकर यूपी कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद पंचायत चुनाव की सरगर्मी बढ़ गयी है. संभावित प्रत्याशियों की निगाहें अब ग्राम पंचायत के आरक्षण पर टिक गयी हैं. यह तय है कि इस बार चक्र चलेगा गोरखपुर के सीडीओ इन्द्रजीत सिंह का कहना है कि कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब जल्द ही नोटिफिकेशन हो जाने की उम्मीद है.
शासन से फ़ॉर्मूला आने पर जिला स्तर पर आरक्षण की सूची तैयार की जाएगी. दूसरी ओर मंगलवार को कैबिनेट के फैसले की जानकारी मिलते ही दावेदार और उनके समर्थक, पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों को फोन लगाने लगे.