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बड़ी ही मशहूर कहावत है कि गुस्सा अक्ल को उस तरह खा जाता है जिस तरह आग लकड़ी को. कहने का तात्पर्य ये है कि गुस्से में इंसान अपनी अक्ल को खो देता है और कुछ ऐसा कर जाता है जिससे उसे बाद में पछताना पड़े. कुछ ऐसा ही एक मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से.

यहां पर यूपी पुलिस के एक दरोगा ने अपने ट्रांसफर किए जाने से नाराज होकर विरोध का ऐसा तरीका निकाला जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया. अपने ट्रांसफर से नाराज होकर विरोध स्वरूप दरोगा जी ने 65 किलोमीटर की दौड़ लगाने की ठान ली और वर्दी में सड़क पर निकल पड़े.

वर्दी में दरोगा जी को सड़क पर दौड़ता देख हर कोई हैरान रह गया. लोगों को ये समझ नहीं आ रहा था कि मामला क्या है और दरोगा जी अकेले ही सड़क पर क्यों दौड़ते चले जा रहे हैं. कई किलोमीटर जाने के बाद दरोगा जी बेहोश होकर सड़क पर गिर गए. आनन फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.

समाचार एजेंसी एएनआई ने दरोगा जी वीडियो भी जारी किया है. एजेंसी के मुताबिक दरोगा का नाम विजय प्रताप है, वो इटावा पुलिस लाइन में पोस्टेड थे. वहां से उनका तबादला बिठोली थाने में कर दिया गया.

इस बात से नाराज होकर उन्होंने पुलिस लाइन से बिठोली थाने तक दौड़कर जाने की ठान ली. दरोगा विजय प्रताप का कहना है कि आरआई की तानाशाही की वजह से मेरा ट्रांसफर किया गया है.

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