बिकरू प्रकरण में तत्कालीन एसओ चौबेपुर विनय तिवारी और दरोगा केके शर्मा विभागीय जांच में दोषी पाए गये हैं. एसपी ग्रामीण ने अपनी जांच पूरी कर ली है. वह जल्द ही जांच रिपोर्ट डीआईजी को सौंप देंगे. ऐसे में विनय तिवारी और दरोगा पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है.
दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ 14ए की कार्रवाई की जाएगी, जिसमें बर्खास्तगी तक की जा सकती है. दोनों पर बिकरू प्रकरण की साजिश में शामिल होकर वारदात अंजाम देने का आरोप है.
एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने विभागीय जांच में पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए और अन्य पुलिसकर्मियों से पूछताछ कर बयान लिए. मोबाइल नंबर सीडीआर सहित अन्य साक्ष्य जुटाए. एसपी ग्रामीण का कहना है कि साक्ष्यों के आधार पर दोनों पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं.
वारदात के बाद सामने आया था कि विनय तिवारी और केके शर्मा विकास दुबे के खास थे. उसके घर आना-जाना भी था इन दोनों पुलिसकर्मियों का. प्रकरण के पहले और बाद में केके शर्मा की विकास दुबे से बात हुई थी. विकास दुबे के गुर्गे राम सिंह यादव से वारदात के बाद भी बातचीत हुई थी.
इन सभी साक्ष्यों को शामिल कर पुष्टि की गयी है कि यह विकास दुबे के लिए मुखबिर थे. जांच में एक तथ्य और शामिल हुआ है. दो जुलाई को एफआईआर दर्ज होने के बाद रात 12 बजकर 11 मिनट पर विकास दुबे ने सिपाही राजीव को फोन कर पुलिसकर्मियों को मारने की धमकी दी थी.
सिपाही ने यह जानकारी विनय तिवारी को दी थी, लेकिन विनय तिवारी ने न तो कोई कार्रवाई की और न ही जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को दी थी.