कानपुर का बिकरू गांव सुर्ख़ियों से गायब नहीं हो पा रहा है. शनिवार को गांव में उस वक्त हड़कंप की स्थिति बन गयी जब दो नकाबपोश आए और दुर्गा मंदिर में दर्शन कर चले गए. ये लोग कौन थे और कहां से आए थे, दर्शन करने के बाद कहां चले गए. इन सवालों के जवाब न तो पुलिस के पास हैं और न ही गांव वालों के पास.

गांव के लोगों को इतना पता है कि हर नवरात्रों में विकास दुबे का भाई दीपू यहां दर्शन करने आता था. ग्रामीणों के मुताबिक सुबह करीब 7 बजे लग्जरी कार आयी और विकास की ढहाई गयी कोठी के सामने से होते हुए दुर्गा मंदिर पर रुकी.

कार में दो लोग सवार थे. चेहरे पर गमछा बांध हुआ था. इसमें से एक शख्स मंदिर के गेट पर खड़ा हो गया और दूसरा अंदर गया. पूजा-अर्चना करने के बाद नारियल फोड़ा और घंटा बजाया. दोनों करीब दस मिनट तक मंदिर में रुके और फिर कार में सवार होकर भीटी गांव की ओर निकल गए.

वहीं इससे पहले विकास की मां ने भी मंगलवार को मंदिर में पूजा-अर्चना की थी. वह नारियल छोड़कर चली गयीं थी. ग्रामीणों के मुताबिक मंदिर का रखरखाव और पूर्व में बनवाने का काम भी विकास और उसके परिवार ने किया था.

गांव की सुरक्षा के लिए सिपाही लगाए गए हैं. लेकिन लापरवाही बरती जा रही है. सुबह के पुलिस कर्मी दोपहर में साढ़े एक बजे तक आते हैं, जबकि रात वाले पुलिसकर्मी 10 से 12 के बीच आते हैं और सुबह 4 बजे चले जाते हैं.

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