
सालों तक कांस्टेबल पद पर तैनात रहने के बाद एसडीएम बने श्याम बाबू की नियुक्ति निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया गया है. प्रमाण पत्रों की जांच के दौरान पाया गया कि बलिया जिले के बैरिया तहसील क्षेत्र के इब्राहिमाबाद उपरवार निवासी बाबू अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र के आधार पर साल 2016 की पीसीएस परीक्षा को उत्तीर्ण कर एसडीएम बने थे.
हालांकि प्रमाण पत्र के सत्यापन के दौरान उनका प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने के बाद अपर मुख्य सचिव ने नियुक्ति करने का आदेश पारित किया गया है. श्याम बाबू की तैनाती बतौर उपजिलाधिकारी संतकबीर नगर में थी.
गौरतलब है कि श्याम बाबू ने प्रयागराज में सिपाही के पद पर रहते हुए साल 2016 में पीसीएस की परीक्षा पास की थी, इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को कुछ शिकायतें मिली कि कुछ अभ्यर्थियों ने अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर अधिभार ले लिया है.
आयोग ने इसके बाद अभ्यर्थियों से संबंधित जिलों में जांच कराई, इसी दौरान कराई गई जांच में बैरिया के तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट में श्यामबाबू को एसटी संवर्ग का नहीं माना है. पीसीएस-2016 के परिणाम के आने के बाद श्याम बाबू सिपाही से एसडीएम के पद पर तैनात हो गए.
श्याम बाबू के पिता धर्मनाथ गांव में ही किराना की दुकान चलाते हैं. श्यामबाबू ने गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से पढ़ाई की, इसके बाद की पढाई उन्होंने सुदिष्ट बाबा इंटर कालेज रानीगंज से हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा पास की.
इसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन की पढाई की इसी दौरान साल 2005 में उनका यूपी पुलिस में चयन हो गया. पुलिस विभाग में नौकरी करते हुए श्याम बाबू का चयन पीसीएस में हुआ था जिसके बाद वो एसडीएम बने थे.