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बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद टिकट न मिल पाने वाले नेताओं ने बगावती रूख अपनाना शुरू कर दिया है. कोई निर्दलीय मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है तो कोई दूसरे दलों में सभावनाएं तलाश कर रहा है. अब इन बागियों पर सख्ती भी शुरू कर दी गई है.

बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू प्रमुख नितीश कुमार ने बगावती रूख अख्तियार करने वाले 15 नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. उनका मानना है कि ये नेता पार्टी से बगावत कर दूसरे दलों से चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे थे या दूसरे दलों के प्रत्याशी मी मदद कर रहे थे.

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नितीश कुमार ने जिन नेताओं को पार्टी से निष्काषित किया है उनमें शिवशंकर चौधरी, सिंधु पासवान, करतार सिंह, रामेश्वर पासवान, प्रमोद चंद्रवंशी, भगवान सिंह कुशवाहा, रणविजय सिंह, अरूण कुमार, तजम्मल खां, अमरेश चौधरी, राकेश रंजन, ददन पहलवान, मुंगेरी पासवान और कंचन गुप्ता का नाम शामिल है.

243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में जेडीयू 122 पर तो बीजेपी 121 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. जेडीयू कोटे से मांझी की हम को 7 तो बीजेपी कोटे से मुकेश साहनी की वीआईपी को 11 सीटें दी गई हैं. इस बार चिराग पासवान की लोजपा एनडीए गठबंधन से अलग चुनाव लड़ रही है.

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