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जब किसी के घर में बच्चे का जन्म होता है तो वो अपने साथ ढ़ेर सारी खुशियां लेकर आता है दिल्ली के एक घर में जब धनिष्ठा का जन्म हुआ तो उसके मां-बाप के लिए वो सबसे खुशी का दिन था. लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उनकी बेटी सिर्फ 20 महीने में ही उन्हें छोड़कर चली जाएगी.

एक दिन बालकनी से खेलते हुए 20 महीने की धनिष्ठा नीचे गिर गई उसे फौरन अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया.

दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में उसके इलाज के बाद भी उसे सकुशल बचाया ना जा सका. लेकिन जाते-जाते वो बच्ची कई लोगों कि जिंदगी रोशन कर गई. वो तीन लोगों को जीवन का उपहार दे गई, तो दो लोगों को आंखो की रोशनी.

ANI की रिपोर्ट के अनुसार मासूम बेटी को खोने के गम के बीच अंगदान की फैसला रोहणी निवासी माता-पिता के लिए आसान नहीं था. दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती दूसरे बच्चों के माता-पिता का दर्द देखकर उन्होंने अंगदान कै फैसला किया.

अस्पताल के डाक्टरों का दावा है कि ये बच्ची दुनिया के सबसे कम उम्र के अंगदान करने वालों में से एक है. धनिष्ठा का जन्म 1 मई 2019 को हुआ था. आशीष निजी कंपनी में नौकरी करते हैं जबकि बबिता सरकारी स्कूल में शिक्षक है.

उन दोनों ने बच्ची के अंगदान का फैसला इसलिए किया क्योंकि अंगदान नहीं करते तो उसके अंतिम संस्कार के साथ वो अंग भी बेकार हो जाते, जिससे दूसरों की जिंदगी बच सकती थी, इसलिए अंगदान कर बेटी को जिंदा रखने का फैसला किया, बच्ची के दिल, लीवर, किडनी व दोनों कार्निया दान किए गए.

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