पिता का साया उठने के बाद घर चलाना कितना मश्किल होता है ये कोई उस बेटी से पूछे जो अपने परिवार की जिम्मेदारी उठा रही है. परिवार में मां के अलावा आठ भाई बहन हैं जिनकी पूरी जिम्मेदारी अब उस बेटी के कंधों पर है. हरियाणा के हिसार की रहने वाली सोनी के पिता का देहांत हो गया.
जब पिता का साया सिर से उठा तो सोनी की नौकरी लगने में मांत्र पांच दिन बाकी थे. दुख की इस घड़ी में भी उसने अपने आप को संभाला और हरियाणा रोडवेज के हिसार डिपो में नौकरी ज्वाइन कर ली. सोनी हिसार डिपो में मैकेनिकल हेल्पर के पद पर कार्यरत है. सोनी की कमाई से ही पूरे घर का गुजारा हो रहा है.
हिसार डिपो में सोनी रोजवेज बसों की मरम्मत का काम करती है. उसकी हिम्मत और हौसले को देखकर हर कोई हैरान रह जाता है. सोनी मार्शल आर्ट की खिलाड़ी रह चुकी है. मार्शल आर्ट के पेंचक सिलाट गेम में सोनी को तीन स्वर्ण पदक मिल चुके हैं. खेल कोटे से ही उसकी नौकरी हरियाणा रोडवेज में लगी है.
सोनी ने पिता के कहने पर ही खेलना शुरू किया था. पहले सोनी ने कबड्डी खेलना शुरू किया मगर गांव में टीम न बन पाने से उसकी सहेली ने उसे पेंचक सिलाट गेम खेलने की सलाह दी थी. उसके बाद वो उसी गेम में आगे बढ़ गई.