आज विश्व साइकिल दिवस है. भारत में साइकिल को गरीबों की सवारी कहा जाता है मगर आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे देश के बारे में जहां पर साइकिल गरीबों की नहीं बल्कि अधिकांश लोगों की सवारी है. यहां का प्रधानमंत्री तक साइकिल से अपने दफ्तर और संसद जाता है.
नीदरलैंड के एम्स्टर्डम शहर को साइकिल की राजधानी कहा जाता है. यहां के लोगों में साइकिल के प्रति एक अलग ही दीवानगी है. यहां साइकिल का क्रेज इस कदर है कि नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट भी अधिकतर साइकिल से ही चलते हैं.
एम्स्टर्डम शहर के अंदर साइकिल के रिंग रोड को इस प्रकार से बनाया गया है कि बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक आसान और सुरक्षित तरीके से साइकिल की सवारी कर सकते हैं. अब नीदरलैंड में 22000 मील रिंग रोड है. यहां एक चौथाई दूरी साइकिलों से ही तय की जाती है.
यहां पर साइकिल सिविल सेवकों को नामित किया गया है जो साइकिल के नेटवर्क को बनाए रखने और सुधारने के लिए काम करते हैं. यहां इलेक्ट्रिक साइकिलों का भी तेजी से विकास हुआ है.
बता दें कि साइकिल चलाने के अनेक फायदे हैं. इससे पर्यावरण में प्रदूषण कम होता है और साइकिल चलाने वाले व्यक्ति का स्वस्थ्य भी सही रहता है.