समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी का नाम लिए बिना शायराना तंज कसते हुए कहा कि कभी खुले आसमान पर वो लिख देते थे संदेशे, अब किसी और के पते पर बंद लिफाफे आते हैं.
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार यार्ड में खड़े-खड़े जंग खाने से स्टार्ट होने की दशा में नहीं रह गयी है. इसलिए उसे रेलवे की सिकलाइन में पहुंचा दिया गया है. दिल्ली से आए पर्यवेक्षकों ने भी मान लिया है कि जब इस सरकार को जाना ही है तो ज्यादा माथापच्ची क्यों की जाए?
उन्होंने कहा कि प्रदेश कोरोना महामारी के समय भाजपा सरकार पूरी तरह असहाय मुद्रा में रही. इलाज और दवाओं के अभाव में मरीज तड़प-तड़प कर मरते रहे. आपदा में अवसर तलाशने वालों ने खुली लूट की. सत्ता संरक्षित अपराधियों की चांदी रही। ध्यान भटकाने के लिए नए-नए प्रोपैगंडा और हंथकडे ही भाजपा का शासन है.
सपा मुखिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जनता ने भाजपा को हटाने का मन बना लिया है. जनता को लुभावने जुमलों और झूठ की आड़ में भाजपा सरकार ने चार साल काट लिए अब उसके जाने के दिन ही गिने जा रहे हैं. मुख्यमंत्री जी को प्रदेश की जनता को बिगड़ते हालात की जवाबदेही देनी पडे़गी.