राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही खींचातानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. कांग्रेस आलाकमान पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है और जल्द ही इस विवाद को निपटाने की तैयारी कर रहा है, हालांकि अभी तक कोई फार्मूला तय नहीं हो पाया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सचिन पायलट राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में खाली 9 मंत्री पदों में से 6-7 पद अपने समर्थकों को दिलवाना चाहते हैं. पायलट चाहते हैं कि उनके समर्थकों को मंत्री बनाया जाए.
कांग्रेस पार्टी के पास मुश्किल ये है कि सचिन पायलट की मांग के अलावा निर्दलीय और बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों की ख्वाहिशों को कैसे पूरा किया जाए. बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी उन विधायकों का भी ध्यान रखना चाह रही है जो 6-7 बार से लगातार जीतते आ रहे हैं.
पार्टी में सचिन पायलट की क्या भूमिका होगी इसपर भी मंथन किया जा रहा है. राजस्थान में चल रहे सियासी संकट का कांग्रेस पार्टी किस तरह समाधान तलाश करती है इसपर सभी की निगाहें लगी हुई हैं. उधर बीजेपी राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी संकट पर निगाह लगाए हुए है.
भाजपा के नेता सचिन पायलट और राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के दिल्ली दौरे पर लगातार टिप्पणियां कर रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि राजस्थान में अपमान की राजनीति हावी हो रही है, जिसका भुगतान प्रदेश की जनता भुगतना पड़ रहा है. आपसी खींचातानी की वजह से यहां विकास ठप्प हो गया है और व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं.