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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का फैसला वापस ले लिया है. गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने 17 अति पिछड़ी जातियों को जून 2019 में अनूसुचित जाति में शामिल करने का फैसला ले लिया था. इस पर इलाहाबाद कोर्ट ने आपत्ति जताई थी. लिहाजा प्रदेश सरकार को अपने फैसले को वापस लेने के लिए बाध्य होना पड़ा.

फैसला वापस लेने के बाद अब ये सुनिश्चित हो गया है कि ये 17 अति पिछड़ी जातियां ओबीसी वर्ग में ही रहेंगी, उन्हें एससी का सार्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा.

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गौरतलब है कि प्रदेश की योगी सरकार ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित वर्ग में शामिल करने का फैसल लिया था. इसके पीछे सरकार ने तर्क दिया था कि ये जातियां सामाजिक और आर्थिक रुप से पिछड़ी हैं. इसलिए इनको इस वर्ग में ड़ाला जा रहा है, इन जातियों को शासन की ओर से अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र भी निर्गत होने लगा था.

लेकिन हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के इस फैसले को पलट दिया था. केंद्र सरकार ने भी प्रदेश सरकार को इस फैसले पर अमल करने के लिए कहा था. इसके साथ ही कहा था कि इस फैसले को तत्काल प्रभाव से हटा लेना चाहिए.

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