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अगर कोई पालतू जानवर किसी जंगली जानवर से मिले, वो भी ऐसे जानवर से जो देखते ही हमला करता हो, लेकिन वो किस पालतू जानवर से दोस्ती बनाए तो ये सुनने में तो अजीब लगेगा ही बल्कि जो देखेगा तो वो भी अचंभित सा रह जाएगा.

एक ऐसी ही स्टोरी हम आपको बताने जा रहे है जिसे आईएफएस आफिसर सुशांता नंदा ने शेयर की है, वो इस फोटो को ड़ालते समय कैप्शन लिखते हैं कि इस फोटो में शिकार और शिकारी एक साथ बैठे हुए हैं.

लिखा कि कई रातों तक ये तेंदुआ इस गाय के पास गया क्योंकि गाय ने इसे अपने बच्चे की तरह पाला था इस फोटो को क्रेडिट उन्होंने फोटोग्राफ्रर रोहित व्यास को दिया है.

गौरतलब है कि ये तस्वीर बडोदरा के अंतोली गांव की बताई जा रही है. इस फोटो के पीछे की कहानी से साफ तौर पर स्पष्ट है कि जानवर भी प्यार का कर्ज उतारने के लिए अपना नेचर भूल जाते हैं.

टाइम्स आफ इंडिया के मुताबिक जिस दिन अंतोली गांव के लोगों ने इस द्रश्य को देखा तब से उनके सोने का ही समय बदल गया है. साल 2002 अक्टूबर महीने की बात है. जब से रात में गाय और तेंदुआ आपस में मिलने लगे, ये तेंदुआ गाय के पास आता, मानो तेंदुआ की मां गाय हो.

वो गाय के पास आकर बैठ जाता. गाय उसे चाटती, मानो वो उसकी मां हो. यहां तक कि तेंदुआ, गाय के पास बैठ जाता और गाय के गले भी लग जाता था, पास में ही बकरियां भी बंधी होती थी लेकिन तेंदुए ने कभी भी उनके ऊपर हमला नहीं किया. तेंदुआ जब गांव में प्रवेश करता तो कुत्ते भौंकने लगते, पास में आता देख गाय के भी कान खड़े हो जाते थे.

जब आसपास गांव के लोग दिखते तो तेदुंआ वहां से फरार हो जाता था. वन अधिकारी एचएस सिंह के मुताबिक कई दफा जानवरों के व्यवहार में बदलाव आ जाते हैं इस केस में संभवतः ऐसा ही हुआ होगा.

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