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आज भी शादी के बाद ससुराल में ऐसे परिद्रश्य देखने को मिल जाते हैं जो लोगों के जेहन से नहीं उतरते हैं. जिस बहू को ससुराल वालों ने उसके सांवले रंग को लेकर ताने मारे, बेटी के जन्म के बाद तो जुल्म की इंतिहा पार दी. यहां तक कि उसे घर से ही निकाल दिया. वहीं बहू आज राज्य जूडिशियरी की परीक्षा पास कर जज बन गई है.

ससुराल से निकाले जाने के बाद संघर्ष और मजबूत हौसले की बदौलत उड़ान भरने वाली पटना के छज्जूबाग की 34 वर्षीय वंदना अब अपने पूरे मोहल्ले की चहेती बन गई है. उसने नौकरी करते हुए बेटी को पाला और इस दौरान उच्च शिक्षा की पढ़ाई को भी जारी रखा.

गौरतलब है कि वंदना का मायका मोकामा के रामशरण टोला में है. उनका विवाह साल 2015 में पटना में हुआ. जब उनकी शादी हुई थी इस दौरान वो मोकामा में ही नियोजित शिक्षक थी.

शादी के बाद पटना में ही आकाशवाणी में ट्रांसमिशन एक्जक्यूटिव पद को संभाला. इसके बाद से ही घर में कलह बढ़ गई. ससुराल वाले और पति पूरी सैलरी घर में देने के लिए कहते थे.

वंदना बताती हैं कि शादी के एक साल बाद मई 2016 में बेटी का जन्म हुआ. इसके बाद ससुराल वाले उनके सांवले रंग के साथ लड़की के जन्म के लिए ताने देने लगे. उनका कहना था कि अगली बार गर्भ से होने की स्थिति में चेकअप कराना होगा.

जिसके बाद प्रताड़ना से तंग आकर वंदना 20 दिन की बेटी को लेकर मायके मोकामा चली गई. वंदना का कहना है कि इस दौरान वो बेहद मानसिक परेशानी के दौर से गुजर रही थी. इस दौरान हगी उन्हें बाढ़ कोर्ट के अधिवक्ता मधुसूदन शर्मा ने जज की परीक्षा देने के लिए प्रेरित किया.

उन्होंने तैयारी की और 29 नवंबर को बिहार की न्यायिक परीक्षा को पास किया. वंदना अपनी इस उपलब्धि का श्रेय पिता किशोरी प्रसाद और माता उमा प्रसाद के साथ मधुसूदन शर्मा को देती है.

जज की कुर्सी पर बैठन के बाद करेंगी ये काम

उनका कहना है कि जज की कुर्सी पर बैठने के साथ ईमानदारी से कार्य और पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाना उनकी प्राथमिकता रहेगी. वंदना हर उस महिला के लिए प्रेरणा है जो ससुराल की प्रताड़ना से तंग आकर गलत कदम उठाती है.

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