आप अपने आपको विकसित करने के लिए क्या नहीं करते हैं? लेकिन इसके चक्कर में कई बार आप कई बातों को नजरअंदाज कर देते हैं जिनका खामियाजा किसी और को भुगतना पड़ता है. शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के चक्कर में कई बार छोटे गांवों की समस्या कम होने की जगह बढ़ जाती है.
ऐसा ही कुछ हुआ है अहमदाबाद के गामड़ी और चोसर गांव के साथ, जहां शहर के विकास से होने वाले प्रदूषण के कारण गांव के लोगों को काफी कुछ सहन करना पड़ रहा है. शहरों की फैक्ट्रियों से केमिकलयुक्त पानी के कारण गांव में प्रदूषित पानी की समस्या ने जोर पकड़ा है. जिसके चलते गांव की जमीनों का उपजाऊपन कम हो गया है.
खेतों की उर्वरक शक्ति कम हो गई है, यहां तक जानवरों को भी प्रदूषण युक्त पानी का इस्तेमाल करना पड़ रहा है. जिससे बीमारी से परेशान हो रहे हैं. गांव के लोगों को भी प्रदूषित पानी का इस्तेमाल करने के कारण चर्म रोग की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इन दोनों गांवों में प्रदूषण का स्तर चरम पर है केमिकल के चलते कईयों के पैर सड़ जाते है और पैरों में फोड़े हो जाते है.
इसके अलावा चर्म रोगों की समस्याओं से भी दो चार होना पड़ता है. जिसके चलते आसपास के गांव वाले इन गांव से अपनी कन्या नहीं देते. जिसके चलते कई युवक कुंवारे ही रह गए है जब भी कोई रिश्ता आता है तो वहीं बहने वाली नदियों की दुर्गेंध के कारण रिशते को ठुकरा दिया जाता है.