समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सूबे की योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब तो सरकार ऐसी व्यवस्था कर रही है कि पांच साल तक युवाओं को बंधुआ मजदूर बनकर रहना होगा.

अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार निजीकरण से युवाओं के भविष्य को और अंधकारमय बनाएगी. वैसे भी रोजगार की दशा पिछले 15 वर्षों में सबसे खराब है. रेलवे, बीमा और बैंकों का निजीकरण होना है, एयरपोर्ट निजी हाथों में रहेंगे, निकायों में चतुर्थ श्रेणी में भर्ती आश्रित कोटे से ही होगी.

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार कथित पूंजीनिवेश के आंकड़ों के साथ रोजगार के सपने दिखाती है पर सच यह है कि प्रदेश में भाजपा सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी नए उद्योग नहीं लगे हैं. न बाहर से पूंजी निवेश हुआ है, न रोजगार सृजित हुआ है. नौकरियों में भर्तियां लटकी हुई हैं. देश में 1.03 करोड़ लोग नौकरी की तलाश में हैं. श्रम मंत्रालय की रिपोर्ट बताती है कि यूपी में 14.62 की संख्या नौकरी मांगने वालों की है.

सपा मुखिया ने कहा कि अब तो सरकार ऐसी व्यवस्था कर रही है कि सरकारी नौकरी में भर्ती का रास्ता आउटसोर्स से संविदा कर्मी के रूप में खुलेगा जिसमें तमाम बंदिशें रहेंगी. पांच साल कम वेतन, पदनाम में बदलाव, दक्षता के 60 प्रतिशत अंक के लिए बंधुआ मजदूर बनकर रहना होगा.

उन्होंने कहा कि पांच वर्ष का बहुमत लेकर आई भाजपा साढ़े तीन साल में ही यूपी से रोजगार का खात्मा करने पर आमादा है. मुख्यमंत्री जी किस बात का बदला ले रहे हैं?

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