समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के प्रशासन पर नियंत्रण खो देने से कोरोना संकट भयावह रूप लेता जा रहा है.

अखिलेश यादव ने कहा कि डबल इंजनवाली सरकारें जिन प्रदेशों में है वहां कोरोना की दूसरी लहर के कहर ने सभी झूठे दावों और बदइंतजामी की पोल खोल कर रख दी है. आंकड़े छुपाने के लिए उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश और बिहार में टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और ट्रैकिंग से खिलवाड़ ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है.

उन्होंने कहा कि सरकारी लापरवाही का आलम यह है कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर जिन डाक्टरों, अधिकारियों को हेल्पलाइनों में लगाया गया वे अपने फोन ही नहीं उठाते हैं, मदद मांगने वालों से अभद्रता से पेश आते हैं. कारगिल के शहीद के पिता और रिटायर्ड जज तक इस अमानवीय व्यवहार के शिकार हुए हैं.

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सपा मुखिया ने कहा कि कैसी सरकार है और कैसी इसकी व्यवस्था है कि लोग मारे-मारे घूम रहे हैं? न जिंदा रहने को इलाज मिल रहा है और नहीं शवदाह के लिए लकड़िया मिल रही हैं। मंहगे आक्सीजन सिलेण्डर को हासिल करना गरीब के लिए सम्भव नहीं, कोरोना में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन का तो सवाल ही नहीं.

अखिलेश ने कहा कि क्या इसके बाद भी मुख्यमंत्री जी अपनी बड़बोली बयानबाजी बंद कर जनता के दुखदर्द बांटने के समुचित कदम उठाएंगे? राज्यपाल महोदया को अब तो प्रदेश की हर दिन बिगड़ती स्थिति का संज्ञान लेना चाहिए, यह संविधान सम्मत होगा.

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