केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसान दिल्ली से सटी सीमाओं पर बैठे हुए हैं और सरकार से ये तीनों कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं. किसान आंदोलन के बीच उत्तर प्रदेश के कुछ किसानों को सरकार की ओर से 50 हजार से लेकर 10 लाख तक के पर्सनल बॉन्ड भरने के लिए नोटिस भेजे जा रहे हैं.

किसानों को ये बॉन्ड इसलिए भरने को कहा गया है क्योंकि सरकार को ये आशंका थी कि वो आंदोलन के तहत कानून व्यवस्था का उल्लंघन कर सकते हैं. सरकार द्वारा किसानों को भेजे जा रहे नोटिसों को लेकर सोशल एक्टिविस्ट अरूधंति धुरू ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की.

उन्होंने अदालत को बताया कि किसानों को सरकार की ओर से इस तरह के नोटिस भेजे जा रहे हैं. मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दो फरवरी तक योगी सरकार से इस मसले में जवाब मांगा है. अदालत ने सरकार से पूछा है कि आखिर किस आधार पर गरीब किसानों को इस तरह के नोटिस भेजे जा रहे हैं.

याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि राज्य सरकार की ओर से जारी नोटिस आधारहीन और किसानों के मूल अधिकारों को छीनने वाला है. पुलिस किसानों का घर घेरकर बैठी है और उन्हें अपने घरों से बाहर नहीं निकलने दे रही है.

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