बिकरू प्रकरण में तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी और दरोगा केके शर्मा जेल भेजे गए हैं. बुधवार को एसपी ग्रामीण ने उनके बयान दर्ज किए. दोनों ने खुद को निर्दोष बताया. हालांकि कई सवालों में दोनों फंसते नजर आए. दोनों आरोपियों से एसपी ने करीब पौन घंटे तक पूछताछ की.
फोन पर विकास दुबे से बात करने की बात तो दरोगा ने स्वीकारी पर मुखबरी के आरोप से इनकार किया. पुलिस ने विनय तिवारी और दरोगा केके शर्मा को साजिश रचने, मुखबरी करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था.
सीडीआर सामने आने पर इस बात की पुष्टि हुई थी कि दबिश से पहले केके शर्मा की विकास दुबे से फोन पर बातचीत की थी. कई कॉल रिकॉडिंग भी वायरल हुईं थीं. निलंबन की जांच एसपी ग्रामीण ब्रिजेश कुमार श्रीवास्तव कर रहे हैं. अदालत से इजाजत लेने के बाद एसपी ग्रामीण ने बुधवार को कानपुर देहात जेल में बंद दोनों पुलिसकर्मियों से पूछताछ की.
सूत्रों के मुताबिक एसपी ने दोनों से पूछा कि विकास से कब से क्या संबंध थे. दबिश की सूचना उस रात क्यों दी थी. इन सवालों पर दोनों ने आरोपों को नकार दिया. ज्यादातर आरोपों को नकारा. कुछ का जवाब नहीं दिया. बिकरू प्रकरण के बाद कई वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. इसमें से एक फोटो और वीडियो अमर दुबे की शादी का था, जिसमें दरोगा केके शर्मा मंच पर खड़ा दिखाई दे रहा है.
एसपी ग्रामीण ने जब सवाल किया कि वह अपराधियों की शादी में क्यों गया था. इस पर उसने कहा कि वो हल्का इंचार्ज था, इसलिए गांव जाता रहता था. उसको बुलाया गया था तो वो चला गया था, लेकिन इससे ये साबित नहीं होता कि वो वारदात में भी शामिल रहा.