लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती… हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती. ऐसी ही हिम्मात दिखाई है. केरल पुलिस की महिला पुलिस उपनिरीक्षक बनी एनी शिवा ने. उनके संघर्ष की कहानी लोगों के लिए प्रेरणा है. महज 18 वर्ष की उम्र में जब गोद में 6 महीने का बच्चा था, तो पत्नी ने उनका साथ छोड़ दिया. परिवार वालों ने भी मुंह मोड़ लिया.

लेकिन एनी शिवा ने हार न मानने की ठान ली. अपने बच्चे और अपना पेट पालने के लिए सड़कों पर नींबू पानी और आइसक्रीम बेचना शुरू कर दिया. साथ ही कई छोटे-मोटे काम किए.

एनी कांजीरामकुलम के केएनएन गवर्नमेंट कॉलेज से जब ग्रेजुएशन कर रही थीं. इसी दौरान उन्होंने अपने परिवार के खिलाफ जाकर शादी कर ली थी. घर से निकाले जाने के बाद एनी शिवा अपने बेटे के साथ अपनी दादी के घर के पीछे बनी झोपड़ी में रहने लगीं. घर-घर जाकर डिलीवरी का काम किया, लेकिन कुछ भी नहीं चला.

मुश्किल हालात के बीच एनी ने बेटे की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही पढ़ाई भी जारी रखी. उन्होंने समाजशास्त्र में ग्रेजुएशन पूरा किया. एनी ने साल 2014 में तिरुवनंतपुरम के कोचिंग सेंटर में एडमिशन लिया और एक दोस्त की मदद से इन्स्पेक्टर की परीक्षा दी.

साल 2016 में एनी को सफलता मिली और वह एक सिविल पुलिस अधिकारी बनीं. तीन साल बाद साल 2019 में उन्होंने सब-इंस्पेक्टर की परीक्षा पास की और अब करीब डेढ़ साल की ट्रेनिंग के बाद उन्होंने वर्कला थाणे में प्रोबेशनरी सब इंस्पेक्टर के रूप में कार्यभार संभाला है.

एनी शिव बताती हैं कि मुझे पता चला कि मेरी पोस्टिंग कुछ दिन पहले ही वर्कला पुलिस स्टेशन में हुई है. यह एक ऐसी जगह है, जहां मैंने अपने छोटे बच्चे के साथ आंसू बहाए और तब मेरा साथ देने वाला कोई नहीं था.

एनी की कहानी को केरल पुलिस ने भी शेयर किया है. ट्वीट में कहा की इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास का एक सच्चा मॉडल. एक 18 वर्षीय लड़की जिसे पति और परिवार ने छोड़ा. छः महीने के बच्चे के साथ सड़कों पर छूट गयी. वर्कला पुलिस स्टेशन में सब इंस्पेक्टर बनी है.

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