एक समय था जब मुश्किल से एटीएम ढूंढने से मिलते थे. आज का वक्त है कि ग्रामीण इलाकों तक में एटीएम आसानी से मिल जाएंगे. 1980 के दशक में भारत में पहला एटीएम खुला था. लेकिन, बीते 20 सालों में एटीएम की बाढ़ आ गयी. हालांकि फिर भी अभी वैश्विक स्तर पर हम काफी पीछे हैं.

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की 2020 में आई रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में एटीएम की संख्या 2 लाख 34 हजार 244 थी. खासकर नोटबंदी के बाद एटीएम फ्रेंचाइजी बिजनेस में काफी उछाल आया है. एटीएम कितने महत्वपूर्ण हैं इसे द हिन्दू बिजेनस की एक रिपोर्ट से समझा जा सकता है. जिसके मुताबिक हर साल औसतन 2 लाख 60 हजार करोड़ रूपये एटीएम से निकाले जाते हैं. यह टोटल करेंसी सर्कुलेशन का 10 फीसदी है.

कैसे ले सकते हैं एटीएम फ्रेंचाइजी ?

एटीएम फ्रेंचाइजी एक प्रॉफिटेबल बिजनेस मॉडल है, जिससे आपकी अच्छी कमाई हो सकती है. फ्रेंचाइजी कोई बैंक नहीं देता है बल्कि बैंकों ने इस काम को थर्ड पार्टी वेंडर को सौंप रखा है. जिसमें प्रमुख हैं टाटा इंडीकैश एटीएम, हिटाची, मुथूट एटीएम और इंडिया वन एटीएम. टाटा इंडीकैश सबसे बड़ी और पुरानी कंपनी है.

टाटा इंडीकैश दो लाख सिक्योरिटी डिपाजिट पर फ्रेंचाइजी देती है जो रिफंडेबल है. इसके अलावा 3 लाख रूपये वर्किंग कैपिटल के रूप में जमा करने होंगे. यानि कुल निवेश 5 लाख रूपये का होता है.

टाटा इंडीकैश फ्रेंचाइजी की वेबसाइट पर दी गयी जानकारी के मुताबिक आपके पास अगर सही लोकेशन पर कम से कम 60-80 स्क्वायर फुट कमर्शियल स्पेस है तो इस फ्रेंचाइजी को लिया जा सकत है. यह स्पेस लीज पर भी हो सकता है.

एप्लीकेशन सबमिट करने के बाद इंडीकैश सबसे पहले आपके लोकेशन को शोर्टलिस्ट करता है. जिसके बाद कम्पनी के साथ एक अग्रीमेंट तैयार होता है. कुल इन्वेस्टमेंट 5 लाख रूपये होता है जिसमें 2 लाख रिफंडेबल है. एटीएम शुरू होने के बाद सभी ट्रांजैक्शन पर कमीशन मिलता है. जिसको यह फ्रेंचाइजी मिलती है उसकी जिम्मेदारी है कि वह एटीएम ऑपरेशन वर्क को देखे. इसके अलावा इलेक्ट्रिसिटी बिल पेमेंट, कारपेंटर वर्क्स, हाउस कीपिंग और साफ़-सफाई की जिम्मेदारी आपकी होगी.

हर कैश ट्रांजैक्शन पर 8 रूपये और नॉन कैश ट्रांजैक्शन पर दो रूपये मिलते हैं. तीन लाख जो वर्किंग कैपिटल है, यह वही है जो आपको एटीएम में कैश समाप्त होने पर बैंक से बार-बार निकाल कर जमा करना होगा. बैंक आपके करंट अकाउंट में पैसे जमा करता है, जहां से आपको पैसे निकाल कर एटीएम में जमा करने हैं. जैसे-जैसे एटीएम में पैसे निकलते जाते हैं, बैंक आपके करंट अकाउंट में पैसा जमा करता जाता है. बदले में आपको कमीशन मिलता है.

अब अगर रफ कैलकुलेशन करें तो पांच लाख के वर्किंग कैपिटल पर रोजाना आधार पर अगर 250 ट्रांजैक्शन होते हैं जिसमें 65 फीसदी कैश ट्रांजैक्शन और 35 फीसदी नॉन कैश ट्रांजैक्शन हो तो महीने की कमाई 45 हजार रूपये के करीब होगी. अगर इससे अधिक ट्रांजैक्शन होते हैं तो कमाई और बढ़ जाएगी.

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