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सपा मुखिया अखिलेश यादव के निर्देश पर औरेय्या जनपद में एक किशोरी से ब’ला’त्कार और रामप्रमोद पाल की ह’त्या के मामले में घटनाओं की जांच समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने की. जांच करने के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव को जांच प्रस्तुत की गई. जांच कमेटी ने पीड़ितो को न्याय दिलाने के लिए उन दोनों ही प्रकरणों को विधानपरिषद की सामाजिक एवं सद्भाव समिति के सामने पेश किए जाने की संस्तुति प्रदान की है.

इस जांच समिति पूर्व मंत्री रामपाल, विधायक सदर अनिल दोहरे, तथा सदस्य विधान परिषद दिलीप सिंह शामिल थे.
ग्राम चिरहुली थाना औरेय्या जनपद की एक 16 वर्षीय नाबालिग किशोरी के साथ 3 सितंबर को ब’ला’त्कार की घटना हुई, रिपोर्ट लिखवाने के लिए पीड़ित परिवार लगभग एक महीने तक इधर-उधर भटकता रहा.

रिपोर्ट को 5 अक्टूबर को लिखा गया. पीड़ित परिवारीजनों ने बताया कि पीड़िता गर्भवती हो गई है. परिवारीजनों के मुताबिक पुलिस और अभियुक्त जन उनके साथ समझौते का दबाव बना रहे हैं. परिवार को इस बात की भी आशंका है कि ये लोग पीड़िता की ह’त्या भी कर सकते है.

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जांच कमेटी के सदस्यों के द्वारा रिपोर्ट में लिखा गदया है कि पीड़ित की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है. वे टूटे फूटे मकान में रह रहे हैं. इसी तरह औरेय्या के ही दूसरे प्रकरण में रामप्रमोद पाल की ह’त्या का प्रमुख कारण प्राइवेट बसों में सवारी बैठाने को लेकर एजेंट कमीशन विवाद इस घटना का प्रमुख कारण रहा.

जांच रिपोर्ट के मुताबिक औरेय्या में नामजद हत्यारों का संगठित गि’रोह है. इनके भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ अच्छे संबंध है, इसी कारण उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. पुलिस वैन के नजदीक होने के बाद भी इस घटना को अंजाम दिया गया. अभी तक दो ही अभियुक्त पकड़े गए है. पुलिस असहयोग कर रही है. पीड़ित परिवार को लगातार ध’मकी दी जा रही है. कहा कि दोनों ही घटनाओं में प्रशासनिक स्तर पर निष्पक्ष कार्रवाई होनी चाहिए. ताकि पीड़ित परिवारों को न्याय मिल सके.

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