उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद सपा सरकार में शुरू हुए प्रोजेक्टों को लेकर हीलाहवाली का भी दौर शुरू हो गया. सपा सरकार में अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्टों को पूरा करने को लेकर जो अधिकारी दिनरात एक करे हुए थे सत्ता परिवर्तन होने के बाद उनकी प्राथमिकताएं बदल गई.

अब वो नई सरकार को खुश करने के लिए उनकी मनमर्जी का काम करने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं. ये कोई नई बात नहीं है ऐसा लगभग हर जगह ही होता है. अधिकारियों की प्राथमिकताएं सत्ता के साथ बदल ही जाती हैं. इसका बड़ा उदाहरण उन्नाव में बन रही ट्रांसगंगा हाईटेक सिटी है.

कुछ दिन पहले वहां जो कुछ हुआ वो किसी से छिपा नहीं है. पिछली सरकार में यूपीएसआईडीसी के अफसर दिनरात इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे मगर अब उसका कोई पुरसाने हाल नहीं है. ऐसा ही एक और मामला सामने आया है आजमगढ़ के मेंहनगर से.

यहां पिछले एक साल से रोडवेज का नया बस अड्डा बनकर तैयार है मगर विभागीय अधिकारियों की उदासीनता से इसे चालू नहीं किया जा सका है. हालत ये है कि यहां खिड़की दरवाजे टूट गए है और दिनभर यहां नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है.

ये बस अड्डा सपा सरकार के ड्रीम प्रोजेक्टों में शुमार था. लाखों खर्च कर यहां नए भवन और परिसर का निर्माण कराया गया था, बीते एक साल से ये तैयार होने के बावजूद चालू नहीं हो पा रहा है.

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