बाबूधाम ट्रस्ट के संस्थापक और भारत सरकार के पूर्व नौकरशाह अजय प्रकाश पाठक ने छठ के पावन पर्व से एक बार फिर सेवाभाव की शुरूआत कर दी है. आज उन्होंने चंपारण में महिलाओं को साड़ी, डाला और राशन आदि का वितरण किया और कहा कि सेवा ही हमारा धर्म है, सेवा ही हमारा कर्म है.

अजय प्रकाश पाठक और उनकी पत्नी मंजूबाला पाठक विगत एक दशक से हर साल छठ के मौके पर गरीब छठ व्रतियों को छठ पूजा की आवश्यक सामग्री और साड़ी आदि जरूरी चीजों का वितरण करते आ रहे हैं.

उनका कहना है कि छठ पूजा पर इसलिए सामग्री बांटी जाती है कि छठ पूजा में किसी को कोई दिक्कत न हो. इसके अलावा उनके ट्रस्ट की ओर से छठ से पहले घाटों पर साफ सफाई आदि के कार्य भी कराए जाते हैं.

इसके अलावा अजय पाठक ने अपने ट्रस्ट के कार्यकर्तओं को ट्रैक सूट दे कर उनका मनोबल मजबूत करने का काम किया है. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओ में जोश भरते हुए छठ व्रतियों की सेवा का मूल मंत्र भी दिया.

अजय पाठक ने कहा कि चम्पारण के लोग मुझसे चुनावो में उम्मीदवारी के लिए आग्रह कर रहे थे. कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता भी अजय पाठक की उम्मीदवारी चाहते थे पर अंतिम समय मे कांग्रेस आलाकमान ने प्रवेश मिश्र को टिकट दिया जो लगभग एक लाख वोट से चुनाव हार गए.

इस बाबत अजय पाठक से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेरा कर्म और धर्म सिर्फ सेवा है और अभी मेरा सारा ध्यान इसी पर है कि छठ व्रतियों को कोई भी दिक्कत ना आये.

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